हिमाचल में मंदिरों के चढ़ावे पर सियासी संग्राम

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  • सुक्खू का आरोप: भाजपा सरकार ने भी मंदिरों से 28 करोड़ लिए, तब सवाल क्यों नहीं उठा?
  • जयराम ठाकुर का जवाब: हमने गौशालाओं के लिए पैसा लिया, कांग्रेस सरकार मंदिरों के पैसे पर डाका डाल रही है
  • हनोगी मंदिर विवाद: सरकार ने जबरन 5 लाख लिए, कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दिया

Temple Funds Controversy:  हिमाचल प्रदेश में मंदिरों के चढ़ावे पर सियासी घमासान तेज हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच जुबानी जंग जारी है। मामला यह है कि कांग्रेस सरकार मंदिरों के चढ़ावे से सरकारी योजनाओं के लिए धन लेने को सही ठहरा रही है, जबकि बीजेपी इसे सनातन पर ‘आघात’ करार दे रही है…………………..

सुक्खू का पलटवार – “हम करें तो पाप, भाजपा करे तो पुण्य?”


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीजेपी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने भी अपने कार्यकाल में मंदिरों से 28 करोड़ रुपये लिए थे, लेकिन तब किसी ने सवाल नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि “सरकार को जरूरतमंदों के लिए 15% धनराशि लेने का अधिकार है। भाजपा ने जब मंदिरों से पैसा लिया तो पुण्य और जब हम जरूरतमंदों के लिए ले रहे हैं तो पाप?”

जयराम ठाकुर का पलटवार – “मंदिरों के पैसे पर कांग्रेस डाल रही डाका”


नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “हमने गौशालाओं के लिए मंदिरों से धन लिया था, लेकिन कांग्रेस सरकार मंदिरों के पैसे को अपने राजनीतिक कार्यक्रमों और योजनाओं में खर्च कर रही है।”

उन्होंने मुख्यमंत्री पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “सुक्खू सरकार मंदिरों के पैसे पर डाका डाल रही है। भाजपा सरकार ने जब मंदिरों से पैसे लिए, तब 22 हजार से ज्यादा गायों को गौशालाओं में भेजा गया। लेकिन अब मंदिरों से लिए गए पैसे से कांग्रेस अपनी ‘सुख शिक्षा योजना’ और ‘सुखाश्रय योजना’ चला रही है।”

हनोगी मंदिर के 5 लाख का मुद्दा गरमाया


बीजेपी ने आरोप लगाया कि सरकार ने जबरन हनोगी मंदिर से 5 लाख रुपये ले लिए, लेकिन मंदिर में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दिया। जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया कि “मुख्यमंत्री मंदिरों से पैसा लेने के नोटिफिकेशन जारी कर रहे हैं, लेकिन उनके उपमुख्यमंत्री तक को इसकी जानकारी नहीं।”

हिमाचल में सनातन पर सियासत तेज


बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सरकार सनातन संस्कृति को चोट पहुंचाने का काम कर रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि “सुक्खू खुद मानते हैं कि उनकी सरकार ने 97% हिंदू आबादी की पार्टी (बीजेपी) को हराया, लेकिन अब उन्हीं हिंदुओं के मंदिरों से पैसे वसूले जा रहे हैं।”

मंदिरों के चढ़ावे पर कांग्रेस vs बीजेपी – कौन सही?

  • कांग्रेस का पक्ष: मंदिरों के पैसे से जरूरतमंदों की मदद हो रही है।
  • बीजेपी का पक्ष: कांग्रेस मंदिरों के पैसे को अपनी योजनाओं के लिए जबरन वसूल रही है।

क्या मंदिरों का पैसा सरकार को लेना चाहिए?

यह मुद्दा अब केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और सामाजिक बहस का विषय भी बन चुका हैक्या सरकार मंदिरों के चढ़ावे से योजनाएं चला सकती है? क्या यह आस्था पर चोट है? इस पर जनता और राजनीतिक विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। लेकिन इतना तय है कि हिमाचल की सियासत में मंदिरों का मुद्दा अभी और गरमाएगा।